पतिव्रता का अंग (29-33) | प्रहलाद की कथा

वाणी नं. 29-30:- गरीब, पतिब्रता प्रहलाद है, एैसी पतिब्रता होई। चैरासी कठिन तिरासना, सिर पर बीती लोइ।।29।।गरीब, राम नाम छांड्या नहीं, अबिगत अगम अगाध। दाव...

सुमिरन का अंग (107) | भक्त नंदा नाई (सैन) की कथा

वाणी नं. 107 का सरलार्थ:- गरीब, दौ कौडी़ का जीव था, सैना जाति गुलाम। भगति हेत गह आइया, धर्या स्वरूप हजाम।। 107।। भक्त नंदा नाई (सैन)...

सुमिरन का अंग (106) | सुदामा कृष्ण कथा

वाणी नं. 106 का सरलार्थ:- गरीब, संगी सुदामा संत थे, दारिद्रका दरियाव। कंचन महल बकस दिये, तंदुल भेंट चढाव।।106।। कथा:- सुदामा जी को धनी बनाया...