बिरह चितावनी के अंग 26 October 202026 October 2020 Muktibodh अथ बिरह चितावनी के अंग अथ बिरह चितावनी के अंग का सारांश सारांश:- संत गरीबदास जी ने मानव शरीर प्राप्त प्राणियों को काल ब्रह्म के लोक की भूल-भुलईया बताई है...
सुमिरन का अंग 26 October 202027 October 2020 Muktibodh सुमिरन का अंग (112-127) वाणी नं. 112:- मांझी मर्द कबीर है, जगत करै उपहास। कैसौ बनजारा भया, भक्त बढ़ाया दास।। काशी में भण्डारा करना सरलार्थ:- मांझी = नौका को...
सुमिरन का अंग 26 October 202026 October 2020 Muktibodh सुमिरन का अंग (111) | रविदास जी की कथा वाणी नं. 111: गरीब, रैदास रंगीला रंग है, दिये जनेऊ तोड़। जगजौनार चैले धरे, एक रैदास एक गौड ।।111।। वाणी नं. 111 का सरलार्थ:- रविदास...