पतिव्रता का अंग 27 October 202027 October 2020 Muktibodh पतिव्रता का अंग (39-41) | राजा वाजीद की कथा कथा:- राजा वाजीद जी को वैराग्य कैसे हुआ? वाणी नं. 39 से 41 तथा ’सवैया गेंद उछाल‘:- गरीब, बाजींदा बैजार में, तरकस तोरि कमान।सुत्रा मुंये...
पतिव्रता का अंग 27 October 202023 July 2021 Muktibodh पतिव्रता का अंग (36-38) | गोपीचंद तथा भरथरी की कथा वाणी नं. 36-37-38:- गरीब, गोपीचंद अरु भरथरी, पतिब्रता हैं दोइ। गोरख से सतगुरु मिलें, पत्थर पाहन ढोइ।।36।।गरीब, बारह बरस बिसंभरी, अलवर किला चिनाई। सतगुरु शब्दों...
पतिव्रता का अंग 27 October 202023 July 2021 Muktibodh पतिव्रता का अंग (29-33) | प्रहलाद की कथा वाणी नं. 29-30:- गरीब, पतिब्रता प्रहलाद है, एैसी पतिब्रता होई। चैरासी कठिन तिरासना, सिर पर बीती लोइ।।29।।गरीब, राम नाम छांड्या नहीं, अबिगत अगम अगाध। दाव...
पतिव्रता का अंग 27 October 202023 July 2021 Muktibodh अथ पतिव्रता का अंग अथ पतिव्रता का अंग का सरलार्थ | सारांश सारांश:- पतिव्रता उस स्त्री को कहते हैं जो अपने पति के अतिरिक्त अन्य किसी पुरूष को पति...