सुमिरन का अंग (88-93) | शंकर जी का मोहिनी स्त्री के रूप पर मोहित होना

जिस समय दक्ष की बेटी यानि उमा (शंकर जी की पत्नी) ने श्री रामचन्द्र जी की बनवास में सीता रूप बनाकर परीक्षा ली थी। श्री शिव...

सुमिरन का अंग (70) | सुखदेव की उत्पत्ति की कथा

वाणी नं. 70:- गरीब, सुकदेव सुखमें ऊपजे, राई सींग समोइ। नवनाथ अरु सिद्ध चैरासी, संगि उपजेथे दोइ।।70।। सुखदेव की उत्पत्ति की कथा सरलार्थ:- जिस समय भगवान...

काशी में भोजन-भण्डारा करना

शेखतकी सब मुसलमानों का मुख्य पीर (गुरू) था जो परमात्मा कबीर जी से पहले से ही ईष्र्या करता था। सर्व ब्राह्मणों तथा मुल्ला-काजियों व शेखतकी ने...

गज-ग्राह की कथा | सुमिरन का अंग

हाहा-हूहू नाम के दो तपस्वी थे। उनको अपनी भक्ति का गर्व था। एक-दूसरे से अधिक सिद्धि-शक्ति वाला कहते थे। अपनी-अपनी शक्ति के विषय में जानने के...

भैंस का सींग भगवान बना | सुमिरन का अंग (26-27)

वाणी नं. 26 से 37:- गरीब, साहिब साहिब क्या करै, साहिब है परतीत। भैंस सींग साहिब भया, पांडे गावैं गीत।।26।।गरीब, राम सरीखे राम हैं, संत...