पारख का अंग (150-184) |दुर्वासा तथा अंबरीष की कथा

वाणी नं. 150-184:- गरीब, दुर्बासा काली शिला, बज्र बली तिहूं लोक। अम्बरीष दरबार में, तिन्ह भी खाया धोख।।150।।गरीब, चक्र सुदर्शन शीश परि, अम्बरीष कूं घालि।...

पारख का अंग (142-149) | श्री कृष्ण की कथा

पारख के अंग की वाणी नं. 145:- गरीब, कष्ण गोपिका भोगि करि, फेरि जती कहलाय। याकी गति पाई नहीं, ऐसे त्रिभुवनराय।।145।। सरलार्थ:- श्री कृष्ण के...