सुमिरन का अंग 25 October 202025 October 2020 Muktibodh सुमिरन के अंग का सरलार्थ (1-25) | Muktibodh (राग बिलावल से शब्द नं. 17 भी पढ़ें।) तत कहन कूं राम है, दूजा नहीं देवा। ब्रह्मा बिष्णु महेश से, जाकी करि हैं सेवा।।टेक।। जप...
सुमिरन का अंग 25 October 202025 October 2020 Muktibodh सुमिरन के अंग का सारांश | Muktibodh संत गरीबदास जी ने अपनी अमृतवाणी रूपी वन में प्रत्येक प्रकार के पेड़-पौधे, जड़ी-बूटियां, फूल, फलदार वृक्ष, मेवा की लता आदि-आदि उगाए हैं। इसका मुख्य कारण यह...
सुमिरन का अंग 25 October 20205 December 2020 Muktibodh सुमिरन के अंग का सरलार्थ | Muktibodh | अथ सुमिरन का अंग ।।सत साहेब।।सुमिरन के अंग का सरलार्थ(अथ सुमिरन का अंग) शब्दार्थ:- अथ = प्रारम्भ, अविगत = जिस परमेश्वर की गति यानि सामथ्र्य कोई नहीं जानता। जिसको...